Rastriya suraksha manch -hypha diwas

राष्ट्रीय सुरक्षा मंच राजस्थान चेप्टर ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हाईफा दिवस मनाया। यह दिवस केवल भारत वर्ष में ही नही इजरायल देश में भी मनाया जाता है। आज के इस दिवस का महत्व इसीलिए समसामायिक है क्यों कि आज ओटोमन साम्राज्य अर्थात वर्तमान तुर्कीस्तान के अधीन इजरायल के हाईफा पोर्ट को भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य साहस के बल पर 23 सितम्बर 1918 को मुक्त कराया था। भारत के तत्कालीन हैदराबाद, जुनागढ एवं जोधपुर राज्यों के सैनिकों ने मेजर दलपत सिंह षेखावत जोधपुर के नेतृत्व में अपना अदम्य साहस युद्ध में दिखाया जिसमें भारत के 900 सैनिक शहीद हुये थे।

राष्ट्रीय महासचिव जसवीर सिंह ने बताया कि जोधपुर राजस्थान के मेजर दलपत सिंह के नेतृत्व में इस युद्ध एवं महा बलिदान को चिरस्थायी बनाने के लिए ही फेन्स द्वारा हाईफा विजय दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में फेन्स राजस्थान चेप्टर की ओर से बुधवार को ’’हाईफा विजय दिवस - भारतीय सैनिकों का योगदान, उनकी शहादत को प्रणाम’’ अमर जवान ज्योति स्थल पर श्रद्धांजलि दी गई।

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फेन्स के प्रदेश महासचिव डॉ. एस एस अग्रवाल ने बताया कि इस बलिदान को चिरस्थायी रखने हेतु नई दिल्ली के त्रिमूर्ति चौक का नाम हाईफा चौक किया गया एवं त्रिमूर्ति भवन में इस आशय की प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी। गौरतलब है कि आज का इजरायल 1918 के हाईफा युद्ध में इन 900 भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान की देन है। जोधपुर के मेजर दलपत सिंह षेखावत के नेतृत्व में घुड़सवार भारतीय सैनिक बल के इस बलिदान को युवाओं व आमजन की स्मृति में चिर स्थायी बनाने के लिए इस तरह के आयोजन समसामयिक है।

फेंस, राजस्थान चैप्टर के सचिव एडवोकेट देवेष कुमार बंसल ने बताया कि भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस के प्रतीक इस युद्ध और उसमें उनकी शहादत को नमन् किया। उन्होंने बताया कि हाईफा विजय दिवस के अवसर पर चीन की चुनौती पर प्रतिरोध दर्शाते हुए आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया गया की हम भारत के लोग यह संकल्प करते है कि आत्मनिर्भर भारत को बनाने में हर कदम पर एक साथ मिलकर इस अभियान को सफल बनाने में सहायक होंगे। यह प्रयास तब तक चलता रहेगा जब तक विकास की धुरी बदल नहीं जाती। हम यह भी संकल्प लेते है कि इस अभियान में अन्य लोगो को जोडते जाएंगे और कारवॉ कन्याकुमारी से कश्मीर तक बनायेंगे। 

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