शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल

 टीकाकरण से जुड़ी भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करते हुए नंदूरबार जिले के तीन गांवों ने 45 और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के शत प्रतिशत टीकाकरण को हासिल कर इतिहास रच दिया है। महाराष्ट्र के पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में से एक क्षेत्र में होते हुए, इन गांवों, नामतः सिंधगवहन, पुरुषोत्तमनगर और सगली ने स्थानीय प्रशासन और निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किए गए संयुक्त प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल की।

एक तरफ जहां परीक्षण, ट्रेसिंग, उपचार एवं कोविड यथोचित व्यवहार कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई के चार प्रमुख हथियार हैं; भारत के पास अब वैक्सीन का सुरक्षा कवच भी है। देश में कोविड की अनेक लहरों के आने की संभावना के मद्देनज़र, ऐसे हालात में प्रभावित हो सकने वाली अधिकतम जिंदगियों की रक्षा करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने दिनांक 16 जनवरी, 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। अभी तक भारत में 24.6 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है।

भारत जैसे विविध और अधिक आबादी वाले देश में लोगों को टीका लगवाने के लिए मनाना अपने आप में एक अत्यंत कठिन कार्य था।

आदिवासी बहुल नंदूरबार जिले में लोग भी शुरू में टीकाकरण के प्रति अनिच्छुक थे क्योंकि उनका मानना था कि टीकाकरण से कोविड-19 हो सकता है, या फिर लोग टीकाकरण के बाद बुखार जैसे दुष्प्रभावों के कारण मर सकते हैं। इस प्रकार उन्होंने डेढ़ माह तक टीकाकरण अभियान का कोई जवाब नहीं दिया।

इसके बाद प्रशासन ने तमाम भ्रांतियों को दूर करने के लिए बहुस्तरीय जनजागरण अभियान शुरू किया और वांछित परिणाम हासिल किए।

जेडपी के एडिशनल सीईओ शेखर राउडल के मुताबिक जिलाधिकारी, सांसद, विधान सभा सदस्य और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इन गांवों का दौरा कर लोगों से संवाद स्थापित किया। बाद में टीकाकरण के बारे में मिथकों को ख़त्म करने के लिए जनजातीय भाषाओं में ऑडियो क्लिप प्रसारित की गई।

शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल

सूचना और प्रसारण मंत्रालय की आकाशवाणी और दूरदर्शन मीडिया इकाइयों ने गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान के बारे में नियमित रूप से उचित जानकारी का प्रसार किया है और टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की है। एक अन्य मीडिया इकाई रीजनल आउटरीच ब्यूरो, पुणे ने कोविड-19 टीकाकरण और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत महाराष्ट्र के 36 जिलों में 16 मोबाइल वैन की मदद से मल्टीमीडिया प्रदर्शनियों के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन वैनों ने हर रोज लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा की और टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में जागरूकता पैदा की और ग्रामीणों के बीच टीकों के बारे में डर और हिचकिचाहट को खत्म करने की भी कोशिश की। इस अभियान के दौरान वैन ने 25 फरवरी से 6 मार्च, 2021 के बीच नंदूरबार जिले को भी कवर किया।

 

शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल

शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल

 

अभियान के दूसरे चरण में ग्राम पंचायत सदस्यों, आशा कार्यकर्ताओं और प्रत्येक गांव में हेड मास्टर/अध्यापकों के समूह बनाने के अलावा गांव की बैठकों, जन घोषणाओं जैसे विभिन्न उपाय अपनाए गए जिन्होंने जागरूकता पैदा करने के लिए घर-घर जाकर संपर्क किया।

शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल

यही नहीं गांवों में सम्माननीय बुजुर्गों और सफेदपोश लोगों ने भी अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ टीकाकरण के बारे में बताया। ग्राम पंचायत के सदस्यों को अपने-अपने वार्ड में टीकाकरण कराने और अपनी मासिक बैठकों के दौरान इसका प्रचार-प्रचार करने के लिए कहा गया।

शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल

प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों से धीरे-धीरे परिणाम निकले क्योंकि 45 वर्ष से ऊपर के नागरिकों का शत प्रतिशत टीकाकरण सिंधगवहन नंदुरबार तालुका, शाहदा तालुका के पुरुषोत्तमनगर व नवपुर तालुका के सगली में पूरा हो चुका है। श्री राउडल ने सूचित किया है कि कुछ गांवों में टीकाकरण के आंकड़े 80% तक पहुंच चुके हैं जबकि शेष 30 से 40 गांवों में यह 50% से अधिक हैं।

शाहदा तालुका की पुरुषोत्तमनगर ग्राम पंचायत 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का शत प्रतिशत टीकाकरण कर जिले में प्रथम रही। जहां 45 वर्ष से ऊपर के 365 नागरिक थे, वहीं 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के 288 नागरिकों के लिए भी पंजीकरण किया गया है।

नंदूरबार तालुका में सिंधगवहन और नवपुर तालुका में सगली ने भी टीकाकरण का शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। सिंधगवहन गांव में 45 वर्ष से ऊपर के सभी 431 नागरिकों को टीका लगाया गया है।

यह जनप्रतिनिधियों, ग्रामपंचायत सदस्यों और नागरिकों द्वारा महसूस टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करता है। सबसे अहम बात यह है कि इन तीन ग्राम पंचायतों में से किसी में भी कोविड-19 का एक भी सक्रिय मामला नहीं है। गांवों के ग्रामसेवक ने बताया कि यह इन गांवों में किए जा रहे टीकाकरण अभियान का परिणाम है जिससे यह गांव कोरोना मुक्त हो पाए हैं।


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