हिन्दी का सौंदर्य

 


 


शिक्षा मंत्रालय ने हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत आज‘ हिन्दी का सौंदर्य’ विषय पर वेबिनार आयोजित किया


 शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिनांक 8 से 25 सितंबर, 2020 के दौरान ‘‘शिक्षक पर्व’’ का आयोजन किया जा रहा है। इसीकड़ी में आज दिनांक 17 सितंबर, 2020 को हिन्दी का सौंदर्य विषय पर वेबिनार के माध्यम से एक परिचर्चा की गई। परिचर्चा में अतिथि वक्ता के रूप में प्रो. गिरीश्वर मिश्र, पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा,श्री प्रेम सिंह, पूर्व संयुक्त निदेशक (रा.भा.) तथा प्रो. उषा शर्मा, समन्वयक, समग्र शाला भाषा कार्यक्रम, एनसीईआरटी सम्मिलित रहे। 


इस परिचर्चा का संचालन मंत्रालय की निदेशक (रा.भा.),श्रीमती सुनीति शर्मा द्वारा किया गया। श्रीमती शर्मा, शिक्षा मंत्रालय के दोनों विभागों तथा इसके अंतर्गत आने वाले देश भर के सभी कार्यालयों/संस्थानों/विश्वविद्यालयों में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन का कार्य देख रही हैं। चर्चा का प्रारंभ करते हुए उन्होंने यह भी सूचित किया कि इस दौरान मंत्रालय में ‘हिन्दी दिवस’ के अवसर पर 8 - 22 सितंबर, 2020 तक ‘हिन्दी पखवाड़े’ का भी आयोजन किया जा रहा है। मंत्रालय के दोनों विभागों – उच्चतर शिक्षा विभाग तथा स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए हिन्दी की विभिन्न प्रतियोगिताएं जैसे हिन्दी निबंध, हिन्दी वाद-विवाद, हिन्दी टिप्पण/प्रारूप लेखन, हिन्दी टंकण,स्वरचित हिन्दीकविता पाठके साथ हीहिन्दी कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है।


इस चर्चा में प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने सौंदर्य को हर क्षण नवीनता के साथ जोड़ते हुए हिन्दी भाषा के सौंदर्य की बात की। उन्होंने बताया कि हिन्दी भाषा प्रेम की भाषा है जिसनेसबको आकर्षित किया है और सबको जोड़ा है।श्री प्रेम सिंह ने चर्चा को आगे बढ़ाते हुए इस बात पर बल दिया कि किसी भी भाषा के प्रचिलित शब्दों का प्रयोग करते हुए हिन्दी लिखी जाए, हिन्दी लिखने में गर्व महसूस किया जाए और हिन्दी के प्रयोग के लिए सकारात्मक सोच रखी जाए। प्रो. उषा शर्मा ने हिन्दी भाषा के सौंदर्य की बात करते हुए कहा किसौंदर्य उसी चीज़ में नज़र आता है जिससे दिल धड़कता है। भाषा आनंदित करे यही उसका सौंदर्य है।


कार्यक्रम की संचालक श्रीमती सुनीति शर्मा ने अंत में राजभाषा नीति संबंधी प्रावधानों पर चर्चा करते हुए आग्रह किया कि संघ सरकार के समस्त कामकाज में राजभाषा नियम/अधिनियम/आदेशों का पालन किया जाए।अतिथि वक्ताओं का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।



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