< भारतीय कंपनी सचिव संस्था के जयपुर चैप्टर की ओर से शुक्रवार को जी एस टी दिवस का वर्चुअल उत्सव का आयोजन किया>

 



 


जयपुर भारतीय कंपनी सचिव संस्था के जयपुर चैप्टर की ओर से शुक्रवार को जी एस टी दिवस का वर्चुअल उत्सव का


आयोजन किया गयागुड्स एवं सर्विसेज टैक्स (जी एस टी) पुरे देश में लागु होने के वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में हर साल


इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ़ इंडिया जयपुर द्वारा हमेशा ऐसा आयोजन किया जाता रहा हैइस साल कोरोना की


आपदा को देखते हुए इस दिवस को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर सेलिब्रेट किया गया। जहां अरविन्द मिश्रा जी एडिशनल कमिश्नर


(जी एस टी) मुख्य अतिथि थे भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संसथान के रीजनल काउन्सिल सदस्य सी ए सचिन कुमार जैन, आई


सी एस आई के वाईस चेयरमैन सीएस विमल गुप्ता समारोह के मुख्य अतिथि थे आईसीएसआई चेयरमैन जयपुर चैप्टर सीएस


नितिन होतचंदानी ने सेशन को सम्बोधित किया। वहीं जयपुर चैप्टर के वाईस चेयरमैन सीएस नवनीत आगीवाल ने वेबिनार


को मॉडरेट किया। इस सेशन के दौरान श्वेता अग्रवाल, पुलकित खंडेलवाल एवं पायल कटारिया जी ने वास्तु एवं सेवा कर


के जटिल पहलुओ पर प्रकाश डाला एव नए व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर करने हेतु मार्गदर्शन कियाअरविन्द मिश्रा जी ने


सम्बोधन में कहा की जब भी प्रोफेशनल को आवश्यकता हो वो विभाग सदेव सहयोग हेतु तैयार है उन्होंने प्रोफेशनल्स को


जीवन में धर्मानुसार आचरण के महत्त्व को भी बताया सचिन कुमार जैन ने बताया की कर व्यस्था के बारे में रामचरित


मानस में भी कहा गया है उन्होंने इसके लिए सूर्य का उदाहरण लिया है। सूर्य जिस प्रकार पृथ्वी से अनजाने में ही जल खींच


लेता है और किसी को पता नहीं चलता, किन्तु उसी जल को बादल के रूप में एकत्र कर वर्षा में बरसते देखकर सभी लोग


प्रसन्न होते हैं। इसी रीति से कर संग्रह करके राजा द्वारा जनता के हित में कार्य करना चाहिए। विमल गुप्ता जी ने कराधान


के लागु करने में इंस्टिट्यूट की महत्त्वपूर्ण भूमिका के विषय में वर्णित किया और बोला की (जी एस टी) की शुरुआत से ही


इंस्टिट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ़ इंडिया पूरा प्रयासरत्त रहा है एवं निरंतर अपडेट करता रहा है इस उत्सव से जुड़ी


जानकारी देते हुए भारतीय कंपनी सचिव संस्था के जयपुर चैप्टर चेयरमैन नितिन होतचंदानी ने बताया कि अप्रत्यक्ष कर


महत्वपूर्ण रूप से सरकारी राजस्व में भूमिका निभाता है और अब ये गुड एवं सिंपल टैक्स हो गया हैसाथ ही लिटिगेशन में


अब नए आयाम खुले है एवं निरंतर प्रोफेशनल की आवश्यकता बढ़ती ही जा रही है एवं आगे आने वाले समय में कंपनी


सेक्रेटरी जी एस टी के लिटिगेशन क्षेत्र में भी क्वालिटी सर्विसेज देने पर फोकस करेगे


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