< मस्तिष्क सहित कई अन्य अंग भी प्रभावित कोविड -19 के कारण>

 



 


 


<शोधकर्ताओं की टीम - डॉ प्रेम त्रिपाठी, डॉ उपासना रे, डॉ अमित श्रीवास्तव और डॉ सोनू गांधी - ने चर्चा


करते हुए कहा कि हालांकि, फेफडा सबसे संक्रमित अंगों में से एक है, लेकिन मस्तिष्क सहित कई अन्य अंग


भी प्रभावित होते हैं।>


 


एसईआरबी समर्थित अध्ययन से पता चलता है कि मस्तिष्क में श्वसन केंद्र की क्षति से कोविड -19के मरीज़ नाकाम

 

(ब्रेकडाउन) हो सकते हैं


सीएसआईआर- भारतीय रासायनिक जीव विज्ञान संस्थान(आईआईसीबी), कोलकाता के शोधकर्ताओं की टीम ने सार्स–


कोव-2 की न्यूरो-इनवेसिव क्षमता का पता लगाया है और सुझाव दिया है कि वायरस मस्तिष्क के श्वसन केंद्र को संक्रमित कर


सकता है और कोविड -19 के कारण होने वाली मौत की खोज करने में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के श्वसन केंद्र पर भी ध्यान केंद्रित


करना चाहिए।


एसीएसकेमिकल न्यूरोसाइंस में प्रकाशित और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डी एस टी) के सांविधिक निकाय, विज्ञान और


इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी)द्वारा समर्थितअध्ययन से पता चला है कि सार्स–कोव-2 वायरस नाक के माध्यम से


मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है और मस्तिष्क के उस भाग में पहुंचता जहाँ सूंघने की शक्ति होती है। वहाँ से, सार्स–


कोव-2 वायरस, श्वसन रिदम को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के प्राथमिक केंद्र प्रीबोटज़िन्गेर काम्प्लेक्स (पीबीसी) को संक्रमित


कर सकता है। यह बताता है कि कोविड -19 रोगियों की मौत के लिए मस्तिष्क में श्वसन केंद्र का क्षतिग्रस्त होना जिम्मेदार हो


सकता है।


शोधकर्ताओं की टीम - डॉ प्रेम त्रिपाठी, डॉ उपासना रे, डॉ अमित श्रीवास्तव और डॉ सोनू गांधी - ने चर्चा करते हुए कहा कि


हालांकि, फेफडा सबसे संक्रमित अंगों में से एक है, लेकिन मस्तिष्क सहित कई अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं। यह पहली


रिपोर्ट है जो बताती है कि सार्स–कोव-2 ब्रेनस्टेम के पीबीसी को लक्षित कर सकता है जो श्वसन को नियंत्रित करता है और इससे


कोविड -19 रोगियों के श्वसनप्रणालीक्षतिग्रस्त/ नाकाम हो सकती है।


वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि कोविड -19 रोगियों के मस्तिष्कमेरु द्रव और मृत रोगियों के पोस्टमॉर्टम मस्तिष्क को सार्स–


कोव-2 प्रविष्टि के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिए मूल्यांकन किया जाना चाहिए और इसके मस्तिष्क के श्वसन केंद्र तक


फैलने के कारणों का भी अध्ययन किया जाना चाहिए।


प्रीबोटज़िन्गेरकाम्प्लेक्स प्राथमिक श्वसन कम्पन के रूप में कार्य करता है और इसे श्वसन के केंद्र के रूप में प्रस्तावित किया गया


है। यह पहले दिखाया गया है कि पीबीसी का विघटन श्वसन विफलता के कारण मौत का कारण बनता है। यह संभव है कि


सार्स–कोव-2 श्वसन केंद्र को बंद कर सकता हैऔर परिणामस्वरुप ब्रेनस्टेम के पीबीसी को संक्रमित और नष्ट कर सकता है।


यद्यपि इस परिकल्पना को सार्स–कोव-2 के लिए मान्य करने की आवश्यकता है।किंग्स कॉलेज, लंदन में वैज्ञानिकों के एक


समूह के हाल के एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि गंध की क्षमता में कमीकोविड -19 रोगियों के मुख्य लक्षणों में से एक


है। इससे पता चलता है कि इसमें भी उसी मार्ग से सार्स–कोव-2 ने प्रवेश पाया होगा जिस मार्ग से सार्स–कोव-2 मस्तिष्क में


प्रवेश कर सकता है।


सार्स–कोव-2 और सार्स–कोव, डीएनए अनुक्रम में समानता के उच्च स्तर को साझा करते हैं, दोनों एक ही एंजियोटेंसिन-


परिवर्तित एंजाइम 2 (ए सी ई 2) रिसेप्टर का शोषण करते हैं, जिसके माध्यम से वायरस लक्ष्य कोशिकाओं में प्रवेश करता है।


इसके कारण, यह अनुमान लगाया गया था कि जिस तंत्र के माध्यम से सार्स–कोव कोशिका को संक्रमित करता है, वह सार्स–


कोव-2 के लिए भी समान हो सकता है।


अध्ययन में कहा गया है कि न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के लिए कोविड -19 रोगियों को न केवल स्क्रीन करना महत्वपूर्ण है, बल्कि


लक्षण दिखाई देने पर उन्हें पृथक भी किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं ने बताया है कि वर्तमान समय में, मस्तिष्क को


कोविड -19 से होने वाली मौत का प्राथमिक या माध्यमिक कारण नहीं माना जाता है, लेकिनसीएनएस के श्वसन केंद्र की ओर


ध्यान देने की आवश्यकता है। कोविड -19 रोगियों के मस्तिष्क के पोस्टमॉर्टम का आकलन, प्रवेश मार्ग और प्रभावित अंगों


समेत मस्तिष्क के श्वसन केंद्र के विस्तृत मूल्यांकन के लिए किया जा सकता है।



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