< चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई>

 


                  <श्रद्धेय डॉ. जोसफ मार थोमा मेट्रोपोलिटन के 90वें जन्‍मदिन समारोह में प्रधानमंत्री का संबोधन>


 


मार थोमा चर्च प्रभु ईसा मसीह के देवदूत सेंट थॉमस के महान आदर्शों से करीब से जुड़ा हुआ है। भारत हमेशा से अनेक


उद्भवों से


आध्यात्मिक शक्तियों के लिए खुला रहा है। सेंट थॉमस के योगदान और, उनका अनुसरण करने वाले, भारतीय ईसाई समुदाय


का


बहुत महत्व है। सेंट थॉमस के साथ हम विनम्रता को जोड़ते हैं। उन्होंने सही कहा "विनम्रता जो एक सद्गुण हैहमेशा अच्छे


 


कार्यों में फलदायी होती है"। विनम्रता की भावना के साथ मार थोमा चर्च ने हमारे साथी भारतीयों के जीवन में सकारात्मक


अंतर


लाने का काम किया है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में ऐसा किया है। सेंट थॉमस को अपरिमित ज्ञान था। मार


थोमा


चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई। चर्च राष्ट्रीय एकता की दिशा में काम करने में सबसे आगे था।


इस चर्च ने आपातकाल का मुकाबला किया। यह बेहद गर्व का विषय है कि मार थोमा चर्च की जड़ों में भारतीय मूल्य हैं। चर्च के


योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है। मार थोमा चर्च के पूर्व मेट्रोपॉलिटन, फिलिपोस मार क्राइसोस्टॉम को 2018 में


पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अनेक लोगों को प्रेरित किया।


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